लेखनी कहानी -16-Mar-2024
एक मुस्कान तुम्हारी मेरे दिल पर राज करती है
स्वत: मन ही मन तुम्हारी सौ-सौ बात करती है
कैसी लगोगी कैसी संजोगी कई तरह की फरियाद करती है
एक मुस्कान तुम्हारी,,,,
भूलना चाहते हैं पर भूलाने नहीं देती जज्बात याद करती हैं
रंग रूप सजाती नशीली अखीयों की सजल साज करती है
तुम हो या ना हो हर वक्त तुम्हारी याद करती है
हमारी लबों पर खुशियां और कहां नींदों की मन बात करती है
एक मुस्कान तुम्हारी,,,,
कभी मंद-मंद मुस्कुराते कभी हंस कर गम छुपाते हैं
खुद को भूला कर तुम्हारे साथ सफर राज करती हैं
है हकीकत हकीकत में हर वक्त तुम्हारी दिल बात करती है
दिन की शुरुआत वह शाम सुहानी तुम्हारी याद करती है
एक मुस्कान तुम्हारी,,,,
यह दिल मंगल सोहर तुम्हारे लिए दिन में चार करती है
बहुत बार तो अपने आप में मन ही मन तकरार करती है
तुम हो चतुर चालाक और भी कुछ-कुछ बात रखनी है
रब से दुआ करता और मय की फरियाद करती है
एक मुस्कान तुम्हारी,,,,
संदीप कुमार अररिया बिहार
Mohammed urooj khan
18-Mar-2024 01:24 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
17-Mar-2024 07:23 PM
बहुत खूब
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Varsha_Upadhyay
16-Mar-2024 10:28 PM
Nice
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